हर साल 19 नवंबर को क्यों मनाया जाता है International Men’s Day, जानें इसका इतिहास और महत्व
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन पुरुषों और लड़कों द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इसमें मुख्य रूप से माता-पिता से अलगाव, दुर्व्यवहार, बेघर होना, आत्महत्या, और हिंसा जैसे विषय शामिल हैं। इस दिवस का उद्देश्य ‘अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के छह स्तंभों’ में उल्लिखित लक्ष्यों को बढ़ावा देना है।
यह दिन पुरुषों और लड़कों के जीवन, उनकी उपलब्धियों, और उनके योगदान को सम्मानित करने का भी अवसर है। खासतौर पर उनके योगदान को समाज, राष्ट्र, परिवार, समुदाय, विवाह और बच्चों की देखभाल के संदर्भ में सराहा जाता है।
इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी। इस दिवस की परिकल्पना एक साल पहले, 8 फरवरी 1991 को की गई थी। यह परियोजना 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में पुनः शुरू की गई। माल्टा में इस दिवस का सबसे लंबे समय तक चलने वाला आयोजन होता रहा है, जहाँ 7 फरवरी 1994 से कार्यक्रम आयोजित किए गए।
माल्टा एकमात्र ऐसा देश था जो फरवरी में पुरुषों और समाज में उनके योगदान का जश्न मनाता था। 2009 में माल्टीज़ एएमआर समिति ने मतदान के माध्यम से इस दिवस की तारीख बदलकर 19 नवंबर कर दी।
डॉ. जेरोम टीलकसिंह, जिन्होंने इस आयोजन को पुनर्जीवित किया, ने 19 नवंबर को अपने पिता के जन्मदिन के सम्मान में चुना। साथ ही, यह तारीख 1989 में उस दिन को भी दर्शाती है जब त्रिनिदाद और टोबैगो की फुटबॉल टीम ने विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने के प्रयास से पूरे देश को एकजुट किया था।
डॉ. टीलकसिंह ने अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को केवल एक लिंग आधारित दिन तक सीमित न रखकर इसे पुरुषों और लड़कों से जुड़े सभी मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर बताया। उनका कहना है, “वे लैंगिक समानता के लिए प्रयास कर रहे हैं और समाज में पुरुषों से जुड़ी नकारात्मक छवियों और पूर्वाग्रहों को खत्म करने के लिए धैर्यपूर्वक काम कर रहे हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के विपरीत, अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता प्राप्त नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के छह स्तंभ:
सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना।
पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करना।
पुरुषों और महिलाओं के बीच लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना।
पुरुषों और लड़कों के खिलाफ भेदभाव के मुद्दों को उजागर करना।
एक सुरक्षित और बेहतर समाज का निर्माण करना।
पुरुषों के समाज, समुदाय और परिवार में योगदान का जश्न मनाना।
तारीख का चयन: टीलकसिंह ने 19 नवंबर को अपने पिता के जन्मदिन और 1989 में त्रिनिदाद और टोबैगो की फुटबॉल टीम द्वारा देश को एकजुट करने वाले दिन के सम्मान में चुना।
मुख्य मुद्दे:
- मानसिकस्वास्थ्य: पुरुषों में आत्महत्या की दर अधिक होती है, खासकर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर बातचीत के अभाव के कारण।
- घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार: पुरुष भी घरेलू हिंसा और भावनात्मक दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं, लेकिन अक्सर इसे अनदेखा कर दिया जाता है।
- आर्थिक बोझ और जिम्मेदारी: पुरुषों पर परिवार और समाज के आर्थिक और सामाजिक दायित्व का अधिक भार होता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं:
पुरुषों के स्वास्थ्य, जैसे कैंसर, हार्ट प्रॉब्लम, और अन्य बीमारियों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।
- महत्व:
यह दिन पुरुषों को समाज में सकारात्मक रूप से योगदान करने के लिए प्रेरित करता है।
यह लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करता है।
यह पुरुषों के प्रति नकारात्मक रूढ़ियों को समाप्त करने का प्रयास करता है।
यह दिन उन मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने का मंच प्रदान करता है जो सामान्यतः दबा दिए जाते हैं।
मशहूर उद्धरण:
“एक पुरुष अपनी जिम्मेदारियों से बनता है, न कि केवल अपनी शक्ति से।”
“सच्चा पुरुष वह है जो अपनी असफलताओं से सीखकर उन्हें अपनी ताकत बनाता है।”
महत्वपूर्ण तथ्य:
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस को अभी तक संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा आधिकारिक मान्यता प्राप्त नहीं है। यह 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है।
इसे पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सकारात्मक तरीके से मनाने पर जोर दिया जाता है।
कैसे मनाएं?
पुरुषों के योगदान का सम्मान करें।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
पुरुषों और लड़कों को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम आयोजित करें।
लैंगिक समानता पर चर्चा करें।
पुरुषों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर जागरूकता अभियान चलाएं।
नारा: “स्वस्थ पुरुष, स्वस्थ समाज।”
यह दिन न केवल पुरुषों का सम्मान करने का अवसर है, बल्कि समाज को उनके प्रति अपने दृष्टिकोण में सुधार करने और उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेने का एक माध्यम भी है।
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की वार्षिक थीम
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के छह स्तंभों के साथ, प्रत्येक वर्ष एक वैकल्पिक माध्यमिक थीम तय की जाती है, जिसे विश्व समन्वयकों द्वारा सुझाया जाता है। ये थीम पुरुषों और लड़कों से जुड़े खास मुद्दों को उजागर करती हैं।
थीम का विवरण:
2002: शांति
2003: पुरुषों का स्वास्थ्य
2007: उपचार और क्षमा
2009: सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल
2010: “हमारे बच्चों का भविष्य”
2011 से हाल तक की थीम:
2011:
“लड़कों को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत देना”
2012:
“पुरुषों और लड़कों को लंबा, खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना”
2013:
“पुरुषों और लड़कों को सुरक्षित रखना”
2014:
“पुरुषों और लड़कों के लिए मिलकर काम करना”
2015:
“पुरुषों के लिए प्रजनन विकल्पों का विस्तार करने के लिए काम करना”
2016:
“पुरुष आत्महत्या रोकें”
यह थीम पुरुषों में आत्महत्या की बढ़ती दर पर ध्यान केंद्रित करती है।
आँकड़ों के अनुसार, अधिकांश देशों में पुरुषों की आत्महत्या दर महिलाओं की तुलना में अधिक है।
ग्लोबल एक्शन ऑन मेन्स हेल्थ (GAMH) ने इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों से कदम उठाने की अपील की।
2017:
“पुरुषों और लड़कों की विविधता का जश्न मनाना”
पुरुषों और लड़कों की अनूठी जरूरतों और मुद्दों पर आधारित संसाधनों और सेवाओं को विकसित करने के लिए नवाचार का आह्वान।
2018:
“सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल”
2019:
“पुरुषों और लड़कों के लिए बदलाव लाना”
2020:
“पुरुषों और लड़कों के लिए बेहतर स्वास्थ्य”
2021:
“पुरुषों और महिलाओं के बीच बेहतर संबंध”
2022:
“पुरुषों और लड़कों की मदद करना”
ऑस्ट्रेलिया में: “मित्रता का जश्न मनाना” (#MakeTime4Mates)
“पुरुष उदाहरण पेश करते हैं।”
2023:
“शून्य पुरुष आत्महत्या”
यू.के. में: पुरुषों और लड़कों की भलाई (#supportingmenandboys), पुरुषों के चैरिटी (#supportingmenscharities) और पुरुषों, मर्दानगी और पिता के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
“सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल”
थीम का उद्देश्य:

हर साल की थीम पुरुषों और लड़कों से जुड़े विशेष मुद्दों और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित करती है। यह समाज को उनके प्रति जागरूकता और सहयोग के लिए प्रेरित करती है।
For more knowledge visit here – International Men’s Day – Wikipedia
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