उत्तराखंड स्थापना दिवस 2024 : कैसे बनी देवताओं की भूमि एक अलग राज्य?
उत्तराखण्ड
(भारत का राज्य)
राजधानी: देहरादून
सबसे बड़ा शहर: देहरादून
जनसंख्या: 10,086,292
क्षेत्रफल: 53,483 किमी²
राजभाषा: हिन्दी, संस्कृत
गठन: 9 नवम्बर 2000
मुख्यमंत्री: पुष्कर सिंह धामी
राज्यपाल: गुरमीत सिंह
विधानसभा: 71 सीटें
उच्च न्यायालय: उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय
उत्तराखण्ड, जो पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, भारत के उत्तर में स्थित एक राज्य है। इसका गठन 9 नवम्बर 2000 को हुआ, जो कई वर्षों के आंदोलनों के बाद संभव हुआ। 2000 से 2006 तक यह राज्य उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका नाम बदलकर उत्तराखण्ड रखा गया।
उत्तराखण्ड की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से लगती हैं। 2000 में राज्य के गठन से पहले यह उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।
इस राज्य में भारत की सबसे बड़ी और पवित्र नदियाँ—गंगा और यमुना—के उद्गम स्थल हैं, जो क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री में स्थित हैं। इसके अलावा, उत्तराखण्ड में वैदिक संस्कृति के कई प्रमुख तीर्थ स्थल भी हैं।
देहरादून, जो राज्य की अस्थाई राजधानी है, सबसे बड़ा शहर भी है। गैरसैण को भविष्य की स्थायी राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है, लेकिन संसाधनों की कमी और विवादों के कारण यह अभी तक लागू नहीं हो पाया है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में स्थित है।
उत्तराखण्ड को पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन, और हस्तशिल्प उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं। इसके साथ ही, राज्य में कई विवादास्पद बाँध परियोजनाएँ भी हैं, जिनमें टिहरी बाँध प्रमुख है, जो 2007 में बनकर तैयार हुआ था।
उत्तराखण्ड, चिपको आंदोलन के जन्मस्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एकमहत्वपूर्ण आंदोलन था |
उत्तराखंड स्थापना दिवस-उत्तराखण्ड का इतिहास
उत्तराखण्ड का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। पौराणिक ग्रंथों में इसे “देवभूमि” और “तपोभूमि” के रूप में जाना जाता है। स्कन्द पुराण में हिमालय को पाँच भागों में विभाजित किया गया है, जिनमें कुर्मांचल (कुमाऊँ) और केदारखण्ड (गढ़वाल) प्रमुख हैं।
कुमाऊँ क्षेत्र में चन्द राजाओं का शासन था, जो 1790 में नेपाल के गोरखाओं द्वारा हराया गया। इसके बाद कुमाऊँ पर अंग्रेजों का शासन स्थापित हुआ। गढ़वाल में पँवार वंश के राजाओं ने शासन किया और 1803 में गोरखा सेना ने इस पर आक्रमण किया। अंग्रेजों की मदद से गोरखाओं को 1815 में हराया गया और गढ़वाल अंग्रेजों के अधीन आ गया।
टिहरी राज्य की स्थापना 1815 में हुई, और यह 1949 में भारतीय गणराज्य में विलय हो गया। उत्तराखण्ड राज्य का गठन 9 नवम्बर 2000 को हुआ, जब उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों को अलग करके एक नया राज्य बनाया गया।
राज्य के गठन के बाद, देहरादून को अस्थायी राजधानी के रूप में चुना गया और बाद में गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डलों का गठन हुआ। 2007 में उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखण्ड किया गया।
उत्तराखण्ड का भूगोल
उत्तराखण्ड का कुल क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किमी है, जिसमें से 43,035 किमी² पर्वतीय और 7,448 किमी² मैदानी क्षेत्र हैं। राज्य का अधिकांश हिस्सा हिमालय शृंखला का भाग है, जिसमें ऊँची चोटियाँ और हिमनदियाँ शामिल हैं। यहाँ की नदियाँ, जैसे गंगा और यमुना, इसी राज्य में उत्पन्न होती हैं और महत्वपूर्ण जल स्रोत हैं।
राज्य में ऊँचाई के साथ मौसम और वनस्पति में परिवर्तन होता है। उच्चतम क्षेत्रों में हिमनदियाँ और निचले क्षेत्रों में उपोष्णकटिबंधीय और शंकुधारी वन पाए जाते हैं। इसके अलावा, राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान हैं, जैसे जिम कॉर्बेट, फूलों की घाटी, नंदा देवी, और राजाजी, जो जैविक विविधता और पारिस्थितिकीय महत्व रखते हैं।
नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में कई तालाब, झीलें और हिमनदियों की पिघली बर्फ से जल एकत्र होता है, जो राज्य की जलवायु और पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है।
उत्तराखण्ड की नदियाँ
उत्तराखण्ड की नदियाँ भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और धार्मिक, सांस्कृतिक केंद्रों का उद्गम स्थल हैं। प्रमुख नदियाँ:
गंगा: अलकनन्दा और भागीरथी नदियों से मिलकर गंगा बनती है। भागीरथी का उद्गम गंगोत्री हिमनद से होता है।
यमुना: यमनोत्री हिमनद से उत्पन्न होती है और होन्स, गिरी, और आसन इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
रामगंगा: माकचा चुंग हिमनद से निकलती है।
सोंग नदी: देहरादून के पास गंगा में मिलती है।
अन्य प्रमुख नदियाँ: काली, कोसी, गोमती, टोंस, धौली गंगा, गौरीगंगा, पिंडर, नयार (पूर्व और पश्चिम) आदि।
ये नदियाँ सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उत्तराखण्ड की प्रमुख भौतिक विशेषताएँ:
हिमशिखर: राज्य में प्रमुख शिखर हैं – गंगोत्री (6614 मी.), केदारनाथ (6490 मी.), चौखम्बा (7138 मी.), कामेट (7756 मी.), नन्दा देवी (7818 मी.), आदि।
हिमनद: प्रमुख ग्लेशियर – गंगोत्री, यमुनोत्री, पिण्डारी, मिलम, खतलिगं, जौलिंकांग, आदि।
झीलें: प्रमुख ताल – नैनीताल, रूपकुण्ड, शहस्त्रा ताल, भीमताल, नौकुचिया ताल, आदि।
दर्रे: प्रमुख दर्रे – बरास (5365 मी.), माना (6608 मी.), लिपुलेख (5129 मी.), आदि।
मौसम: दो प्रमुख प्रकार – पर्वतीय (हिमालयी) और समतलीय (मदानी)। औसत वर्षा 1606 मिमी और तापमान 40.2°C से -5.4°C तक।
राजनीति: राज्य में भाजपा की सरकार, वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह हैं।
भाषाएँ: राजभाषाएँ – हिन्दी और संस्कृत, बोलचाल की प्रमुख भाषाएँ – गढ़वाली, कुमाऊँनी।
मण्डल और जिले: उत्तराखण्ड में 13 जिले और 2 मण्डल (कुमाऊँ और गढ़वाल) हैं।
उत्तराखंड की जनसंख्या और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए यहाँ की सामाजिक संरचना, भाषाएँ, धर्म, और धार्मिक स्थानों के बारे में जानकारी दी गई है। उत्तराखंड में कुमाऊँ और गढ़वाल मंडल के लोग मुख्य रूप से निवास करते हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग बोलियाँ हैं, जैसे कुमाऊँनी और गढ़वाली। इसके अलावा, जौनसारी और भोटिया जैसी बोलियाँ भी हैं जो कुछ जनजातीय समुदायों द्वारा बोली जाती हैं। हिंदी राज्य की मुख्य भाषा है, विशेष रूप से नगरीय क्षेत्रों में। राज्य की धार्मिक संरचना में हिंदू धर्म का प्रमुख स्थान है, इसके बाद मुस्लिम, सिख, और अन्य धर्मों के अनुयायी भी हैं।
उत्तराखंड का इतिहास भी प्राचीन है, जहां पहले राजपूत, ब्राह्मण और शिल्पकार प्रमुख जातियाँ मानी जाती थीं। यहाँ के प्रमुख शहरों में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की और रुद्रपुर शामिल हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, उद्योग और पर्यटन पर आधारित है। यहाँ की प्रमुख कृषि उत्पादों में गेहूं, चावल, फल, और विशेष रूप से मटर और आलू शामिल हैं। साथ ही, पनबिजली परियोजनाओं से भी राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है।
उत्तराखंड का पर्यटन क्षेत्र भी अत्यधिक समृद्ध है, जहां धार्मिक स्थल जैसे “छोटा चार धाम” (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री) और अन्य दर्शनीय स्थल जैसे नैनीताल, मसूरी, और जिम कॉर्बेट ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। इसके अलावा राज्य में कई मंदिर, मठ और ऐतिहासिक स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड में प्रमुख संस्थान मौजूद हैं, जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, और अन्य विश्वस्तरीय संस्थान जो राज्य को उच्च शिक्षा का केंद्र बनाते हैं।
संस्कृति की दृष्टि से उत्तराखंड में पर्वतीय जीवनशैली, पारंपरिक संगीत, नृत्य, और लोक कला की महत्वपूर्ण धारा है जो राज्य की पहचान बन चुकी है।
निष्कर्षतः, उत्तराखंड स्थापना दिवस राज्य के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किस तरह संघर्षों और प्रयासों के बाद उत्तराखंड एक स्वतंत्र राज्य बना। उत्तराखंड स्थापना दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि उन सपनों और उम्मीदों का उत्सव है जिन्होंने राज्य की नींव रखी। इस दिन को मनाकर हम न सिर्फ अपने इतिहास का सम्मान करते हैं, बल्कि भविष्य के विकास और समृद्धि की दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़ने का संकल्प भी लेते हैं। उत्तराखंड स्थापना दिवस हमें अपनी परंपराओं, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के महत्व का एहसास कराता है।
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