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गणतंत्र दिवस: संघर्ष और बलिदान की दर्दनाक यादें🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

"यह तस्वीर एक सशस्त्र बल के कमांडर की साहसिकता, नेतृत्व और देश के प्रति निष्ठा को दर्शाती है। सेना के ध्वज को अपने हाथों में थामे हुए वह अपने देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए समर्पित है। गणतंत्र दिवस

"भारत की सेना का गौरव, हमारे शौर्य और बलिदान का प्रतीक।"

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गणतंत्र दिवस: संघर्ष और बलिदान की दर्दनाक यादें

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गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जो हर साल 26 जनवरी को बड़े गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित करने का प्रतीक है।

"यह तस्वीर दो भारतीय सेना के जवानों की वीरता, समर्पण और देशभक्ति को दर्शाती है। वे दोनों अपने हाथों में तिरंगा ध्वज थामे हुए हैं, जो न केवल भारतीय सेना का गौरव है, बल्कि देश की सुरक्षा और अखंडता की निशानी भी है।
“भारत के वीर सपूत, अपने तिरंगे के साथ हमेशा तैयार।”

 

1. गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व:

26 जनवरी 1950: इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया।

1930 का पूर्ण स्वराज दिवस: 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में भारत के लिए “पूर्ण स्वराज” (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी। इसी ऐतिहासिक दिन को संविधान लागू करने के लिए चुना गया।

2. संविधान निर्माण और इसकी अहमियत:

भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं, जिन्हें “संविधान के शिल्पकार” के रूप में जाना जाता है।
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने इसे अपनाया, और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
यह संविधान भारत को लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और संप्रभु गणराज्य का दर्जा प्रदान करता है।

3. गणतंत्र दिवस समारोह:

दिल्ली का मुख्य समारोह:
राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर भव्य परेड आयोजित होती है।
राष्ट्रपति भारतीय ध्वज फहराते हैं और परेड की सलामी लेते हैं।
परेड में तीनों सेनाओं (थल, वायु और जल सेना) का प्रदर्शन होता है, जिसमें उनके अत्याधुनिक हथियार और शौर्य दिखाया जाता है।
विभिन्न राज्यों और विभागों की झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और उपलब्धियों को प्रदर्शित करती हैं।
स्कूलों और कॉलेजों में उत्सव: इस दिन पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

राष्ट्रपति का संदेश: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं।

4. 2024 का गणतंत्र दिवस:

2024 में भारत ने 75वां गणतंत्र दिवस मनाया।
इस वर्ष फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि रहे।
2024 का समारोह विशेष रूप से आत्मनिर्भर भारत, हरित ऊर्जा, और डिजिटल प्रगति पर केंद्रित रहा।

5. गणतंत्र दिवस के अन्य पहलू:

इस दिन पद्म पुरस्कार (पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री) और वीरता पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
बच्चों और जवानों को उनके अदम्य साहस और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाता है।
देश भर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने, देशभक्ति गीत गाने, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

6. गणतंत्र दिवस की प्रेरणा:

इस दिन हर भारतीय उन शहीदों को याद करता है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
यह दिन हमें अपने देश के प्रति कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है और एकजुटता का संदेश देता है।

7. भविष्य की झलक:

गणतंत्र दिवस समारोह हर साल और भव्य होता जा रहा है, जिसमें भारत की वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और सैन्य प्रगति को प्रमुखता से दिखाया जाता है।
2025 के गणतंत्र दिवस के लिए और भी आधुनिक तकनीकों, झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की उम्मीद की जा सकती है।
गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए देशभक्ति, गर्व और एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने राष्ट्र के संविधान और आदर्शों का पालन करें और इसे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाएं।

 

गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य

"इस चित्र में एक सेनानी कमांडर की वीरता और उसकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाया गया है। सेना का ध्वज उसके हाथों में एक गर्व का प्रतीक है,गणतंत्र दिवस
देश की सेवा में समर्पित, हमारे सुरक्षा प्रहरी।”

 

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया और देश को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया। यह दिन संविधान निर्माताओं के अथक परिश्रम और देश के प्रति उनकी निष्ठा को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

इतिहास

1929 का लाहौर अधिवेशन:

दिसंबर 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया कि अगर ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन स्टेटस (स्वशासित उपनिवेश) का दर्जा नहीं देती है, तो भारत अपनी पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा करेगा।

26 जनवरी 1930 को भारत ने पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया और स्वतंत्रता के लिए सक्रिय आंदोलन शुरू किया।
1947 में स्वतंत्रता मिलने तक, 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

संविधान निर्माण प्रक्रिया:

भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा ने अपना कार्य शुरू किया।

संविधान सभा के सदस्य राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने गए थे।
संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियां बनाई गईं। इनमें से प्रारूप समिति (Drafting Committee) सबसे महत्वपूर्ण थी, जिसका कार्य संविधान का मसौदा तैयार करना था।
इस समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे, जिन्हें “संविधान के शिल्पकार” कहा जाता है।

संविधान का निर्माण और स्वीकृति:

डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम ने 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन में भारतीय संविधान तैयार किया।
26 नवंबर 1949 को संविधान को अंतिम रूप दिया गया और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंपा गया।
24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों पर संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
दो दिन बाद, 26 जनवरी 1950 को, यह संविधान पूरे देश में लागू हुआ।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों चुना गया?
26 जनवरी का दिन ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। इस दिन को भारत के गणतंत्र के प्रतीक के रूप में चुना गया ताकि इस दिन का महत्व बना रहे।

भारतीय संविधान की विशेषता

देशभक्ति शायरी 2025
“आओ, भारत के भविष्य को मिलकर संवारें!”

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
यह भारत को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है।
इसमें नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, और न्याय का अधिकार प्रदान किया गया है।

स्वतंत्रता से गणतंत्र तक

15 अगस्त 1947: भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की और ब्रिटिश शासन से मुक्त हुआ।
26 जनवरी 1950: भारतीय संविधान लागू हुआ और देश में स्वतंत्र शासन और कानून व्यवस्था स्थापित हुई।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है। यह हमें संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

यह दिन उन स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के योगदान को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने भारत को एक संप्रभु गणराज्य बनाया।
यह दिन भारत की सांस्कृतिक विरासत, विविधता और उपलब्धियों का उत्सव है।
गणतंत्र दिवस पूरे देश में उत्साह, देशभक्ति और एकता के साथ मनाया जाता है।

 

गणतंत्र दिवस समारोह का वर्णन


26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। इसके बाद सभी उपस्थित लोग सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी जाती है। यह समारोह पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन राजधानी नई दिल्ली में इसका आयोजन विशेष भव्यता के साथ होता है।

दिल्ली का मुख्य समारोह

परेड का आयोजन:

गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल दिल्ली में कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जो इंडिया गेट से शुरू होकर राष्ट्रपति भवन तक जाती है।

इस परेड में भारतीय थल सेना, नौसेना, और वायु सेना की विभिन्न टुकड़ियां भाग लेती हैं।
परेड में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी भाग लेते हैं। इस परेड में भाग लेना हर किसी के लिए गर्व और सम्मान की बात होती है।

अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि:

परेड की शुरुआत से पहले भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।

यह स्मारक उन शहीद सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।
श्रद्धांजलि के बाद, शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा जाता है।
राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि की उपस्थिति:
प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के साथ मंच पर आते हैं। राष्ट्रपति को परेड की सलामी दी जाती है, और समारोह की औपचारिक शुरुआत होती है।

परेड और प्रदर्शनी

राज्यों की झांकियां:

गणतंत्र दिवस की परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं।

इन झांकियों में हर राज्य की संस्कृति, लोककला, और विशेषताएं दिखाई जाती हैं।
यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध परंपराओं का प्रदर्शन करती हैं।

सेनाओं का प्रदर्शन:

भारतीय सेना, नौसेना, और वायु सेना के जवान अपनी शौर्य और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।

परेड में आधुनिक हथियार, टैंक, और लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन होता है।
भारतीय वायु सेना के विमानों का एयर शो परेड का मुख्य आकर्षण होता है।

प्रसारण:

परेड और अन्य कार्यक्रमों का राष्ट्रीय टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाता है। यह देशभर में करोड़ों लोग देखते हैं और इसके माध्यम से गणतंत्र दिवस का महत्व हर घर तक पहुंचता है।

अन्य आयोजन

राज्यों में गणतंत्र दिवस समारोह:

दिल्ली के अलावा, पूरे भारत में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया जाता है।

2014 में मुंबई में पहली बार महाराष्ट्र सरकार ने मरीन ड्राइव पर परेड का आयोजन किया, जो दिल्ली के समारोह के समान था।
स्कूलों और संस्थानों में उत्सव:
स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य संस्थानों में झंडा फहराने, सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीत, और परेड का आयोजन होता है।

गणतंत्र दिवस का संदेश


गणतंत्र दिवस न केवल संविधान के लागू होने और भारत के गणराज्य बनने का जश्न है, बल्कि यह उन वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का दिन है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
यह दिन हर भारतीय में देशभक्ति, एकता, और गर्व का संचार करता है और हमें अपने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है।

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