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तुलसी विवाह

तुलसी विवाह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह अनुष्ठान तुलसी (बASIL) के पौधे और भगवान श्रीविष्णु या उनके अवतार श्री राम के विवाह के रूप में मनाया जाता है।

तुलसी विवाह का महत्व:

तुलसी को हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है और उसे “विष्णुप्रिया” या भगवान श्री विष्णु की प्रिय देवी के रूप में पूजा जाता है।
इसे जीवन के सभी क्षेत्रों में सुख-समृद्धि लाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए जाना जाता है।
तुलसी विवाह का मुख्य उद्देश्य तुलसी और भगवान विष्णु के बीच आध्यात्मिक विवाह का प्रतीक प्रस्तुत करना है, जो भगवान के साथ भक्तों के संबंध को भी दर्शाता है।

तुलसी विवाह की तिथि:

तुलसी विवाह मुख्य रूप से कार्तिक माह की शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है, जो दिवाली के बाद आती है। इसे “तुलसी विवाह एकादशी” भी कहा जाता है।
यह समय विशेष रूप से बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन को भगवान विष्णु के विवाह का दिन माना जाता है और साथ ही तुलसी को श्रीविष्णु की पूजा में एक विशेष स्थान प्राप्त है।

तुलसी विवाह की पूजा विधि:

तुलसी की पूजा:

सबसे पहले तुलसी के पौधे को अच्छे से स्नान कराकर, उसे साफ किया जाता है।
फिर उसे पवित्र जल से स्नान कराकर, तुलसी के पत्ते और फूल चढ़ाए जाते हैं।

विभिन्न सामग्रियाँ:
पूजा में तुलसी के पत्तों, फूलों, गुड़, हल्दी, चंदन, धूप, दीपक, फल, और प्रसाद का उपयोग किया जाता है।

विवाह का आयोजन:


इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु या श्रीराम के चित्र की पूजा होती है। भगवान के चित्र के पास तुलसी के पौधे को स्थापित किया जाता है।
कुछ स्थानों पर इस दिन तुलसी और श्रीराम या विष्णु के बीच विवाह के प्रतीक स्वरूप, एक धार्मिक अनुष्ठान होता है, जिसमें वर और कन्या के रूप में भगवान श्रीराम और तुलसी के प्रतीक के रूप में विवाह सम्पन्न कराया जाता है।

मंत्रोच्चारण:
पूजा में भगवान श्रीराम के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जैसे “ॐ श्रीरामाय नमः” और “ॐ विष्णवे नमः”।

भोजन और प्रसाद:
पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ भोजन करते हैं, और विशेष रूप से तुलसी के पत्तों और भगवान के प्रसाद को ग्रहण करते हैं।

तुलसी विवाह के लाभ:

यह अनुष्ठान घर में सुख, समृद्धि और शांति लाने के लिए माना जाता है।
यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
तुलसी के पौधे की पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस दिन विशेष रूप से व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में दरिद्रता दूर होती है।
समाप्ति: तुलसी विवाह एक बहुत ही शुभ और पवित्र अवसर है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में मानसिक और शारीरिक शांति पाने का भी एक मार्ग है

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