देव दीपावली (वाराणसी) – 2024
देव दीपावली (वाराणसी) , जिसका शाब्दिक अर्थ ‘देवताओं की दिवाली’ या ‘देवताओं के प्रकाश का त्योहार’ है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो दिवाली के 15 दिन बाद होता है। इस दिन को त्रिपुरा पूर्णिमा भी कहा जाता है और माना जाता है कि इस दिन देवता गंगा में स्नान करने के लिए पृथ्वी पर उतरते हैं।
वाराणसी के गंगा घाटों पर इस दिन दस लाख से अधिक मिट्टी के दीयों से घाटों को सजाया जाता है, जिससे नदी और घाट जगमगाते हैं। देव दीपावली का आयोजन मुख्य रूप से गंगा नदी के तट पर होता है, जहां गंगा की पूजा और दीपदान (दीप जलाकर अर्पित करना) के आयोजन होते हैं। इस दिन लोग घरों को तेल के दीपों से सजाते हैं और रंगीन डिजाइनों से दरवाजों को सजाते हैं। रात में लोग पटाखे जलाते हैं और देवताओं की शोभायात्राएँ निकाली जाती हैं।
देव दीपावली पर विशेष रूप से कार्तिक स्नान और गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह पर्व पांच दिनों तक चलता है और प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है। इस दौरान, गंगा सेवा निधि द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दीप जलाए जाते हैं।
वाराणसी में यह पर्व पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का कारण बनता है। लाखों दीपों से सजे घाट और गंगा नदी का दृश्य बहुत आकर्षक होता है, जिसे देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। नदी किनारे नाव की सवारी भी इस दिन पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय होती है।
इसके साथ ही, गंगा महोत्सव भी इसी समय मनाया जाता है, जो वाराणसी की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था को प्रदर्शित करता है। इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, शास्त्रीय संगीत, नाव दौड़, शिल्प मेला और मार्शल आर्ट जैसे आयोजनों का समावेश होता है।
देव दीपावली (वाराणसी)
दशाश्वमेध घाट पर हर शाम गंगा आरती की जाती है।
देखा गया: हिंदू
स्थान: वाराणसी
महत्व: त्रिपुरा पूर्णिमा या शिव की पूजा
समारोह: वाराणसी में गंगा घाटों पर देवताओं का अवतरण और गंगा नदी की आरती
तारीख: हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा
2024 की तारीख: 15 नवंबर
अंत में, देव दीपावली (वाराणसी) एक अद्वितीय और मनमोहक उत्सव है जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। इस दिन, देव दीपावली (वाराणसी) के मौके पर गंगा नदी के किनारे दीपों की जगमगाहट और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। देव दीपावली (वाराणसी) में हिस्सा लेने वाले लोग इस पवित्र दिन की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महिमा को महसूस करते हैं। यह पर्व वाराणसी की धार्मिक विरासत को और भी गौरवान्वित करता है, और देव दीपावली (वाराणसी) का उत्सव हर साल श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
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