महाकुंभ मेला 2025 के नौवें दिन की प्रमुख घटनाओं और कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी🙏🙏🙏🙏🙏
महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में आरंभ हुआ है।

महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में आरंभ हुआ है।आज, 21 जनवरी 2025, महाकुंभ का नौवां दिन है। आज भी गंगा स्नान के लिए घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। 20 जनवरी को रिकॉ र्ड 54.96 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई, जबकि 13 जनवरी से अब तक कुल 8.81 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
महाकुंभ के दौरान कई महत्वपूर्ण तिथियां और कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। मुख्य स्नान पर्वों में मकर संक्रांति (14 जनवरी), पौष पूर्णिमा (13 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), बसंत पंचमी (3 फरवरी), माघी पूर्णिमा (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) शामिल हैं।………..महाकुंभ मेला
इसके अतिरिक्त, 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक महाकुंभ क्षेत्र के अरैल में स्थित त्रिवेणी शंकुल में आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस बैठक में प्रदेश सरकार के 54 मंत्री शामिल होंगे, और कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जैसे कि डबल डेकर बस रेस्टोरेंट की स्थापना, जहां एक साथ 25 लोग बैठकर शुद्ध शाकाहारी भोजन का आनंद ले सकते हैं।
महाकुंभ मेला 2025 का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
महाकुंभ मेला का महत्व
धार्मिक महत्व:
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। यह संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) के पवित्र जल में स्नान का अवसर प्रदान करता है।…………..महाकुंभ मेला
खगोलीय संयोग:
महाकुंभ का आयोजन तब होता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में होता है। यह खगोलीय घटना हर 12 साल में होती है।
महत्वपूर्ण तिथियां और स्नान पर्व
- मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025): प्रथम प्रमुख स्नान पर्व।
- पौष पूर्णिमा (25 जनवरी 2025): दूसरा प्रमुख स्नान पर्व।
- मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025): सबसे बड़ा स्नान पर्व, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
- बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025): मुख्य स्नान पर्व।
- माघी पूर्णिमा (12 फरवरी 2025): पवित्र स्नान का दिन।
- महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025): अंतिम स्नान पर्व।
महाकुंभ क्षेत्र की व्यवस्थाएं

श्रद्धालुओं के लिए सुविधा:
- लगभग 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में मेला आयोजित हो रहा है।
- लाखों टेंट और शिविर बनाए गए हैं।
- शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था।
आधुनिक तकनीक का उपयोग:
- सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन निगरानी।
- विशेष ट्रैफिक व्यवस्था और पार्किंग स्थल।
आध्यात्मिक अनुभव:
- विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों का जमावड़ा।
- आध्यात्मिक प्रवचन, योग, और ध्यान सत्र।
- नौवें दिन (21 जनवरी 2025)
श्रद्धालुओं की संख्या:
- लगभग 55 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया।
विशेष आयोजन:
- विभिन्न अखाड़ों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई।
- संतों और महंतों ने प्रवचन दिए।
- गंगा आरती का भव्य आयोजन।
कैबिनेट बैठक
- 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष कैबिनेट बैठक त्रिवेणी शंकुल, अरैल क्षेत्र में होगी।
- इस बैठक में कुंभ मेला के संचालन और राज्य के विकास से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
भोजन और पर्यटन
विशेष भोजनालय:
- घाटों के पास डबल डेकर रेस्टोरेंट बनाए गए हैं।
- शुद्ध शाकाहारी भोजन की उपलब्धता।
पर्यटन के लिए व्यवस्था:
- धार्मिक स्थलों का भ्रमण।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले का आनंद।
महत्वपूर्ण जानकारी

- शहर की सुरक्षा: 40,000 से अधिक पुलिसकर्मी और विशेष बल तैनात हैं।
- ट्रैफिक प्रबंधन: विशेष बस और ट्रेन सेवाओं की व्यवस्था।
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