महाकुंभ मेला 2025 के 10 वें दिन की प्रमुख घटना और कार्यक्रम
महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में हुई थी।

पहले दस दिनों में, संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। 20 जनवरी को, लगभग 54.96 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई, जो अब तक का एक रिकॉर्ड था।
इस दौरान, एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, लॉरेन पॉवेल, महाकुंभ में 10 दिन के कल्पवास का कार्यक्रम लेकर आई थीं। हालांकि, उन्होंने केवल 3 दिन ही प्रवास किया और फिर अचानक वापस लौट गईं। प्रयागराज में, उन्होंने भगवती मां काली के बीज मंत्र की दीक्षा ली और सनातन परंपरा की गहराई और शांति की सराहना की।……….महाकुंभ मेला
महाकुंभ मेला 2025 का समापन महाशिवरात्रि के दिन होगा।
1.विशाल श्रद्धालुओं का संगम में स्नान- महाकुंभ मेला
- दसवें दिन (यानी 22 जनवरी 2025), प्रयागराज के संगम तट पर करीब 60 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।
- यह माघी पूर्णिमा के बाद का दिन था, जिसे बेहद शुभ माना गया।
2.शाही स्नान और साधु-संतों की शोभायात्रा
- अखाड़ों के साधु-संतों ने संगम में शाही स्नान किया।
- नागा साधु अपने पारंपरिक शस्त्रों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए।
- धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चारण का माहौल अद्वितीय था।
3. विदेशी पर्यटकों का आगमन
- बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी मेले का हिस्सा बने।
- उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं में रुचि दिखाते हुए धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया।
4. आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
- कई जगह प्रवचन, कथा, और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
- बड़े-बड़े पंडालों में साधु-संतों ने ध्यान और योग सत्र का संचालन किया।
5. प्रशासनिक और सुरक्षा प्रबंध
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए।
- 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को संगम क्षेत्र में तैनात किया गया।
6. आस्था और मानवता का संगम
- इस दिन श्रद्धालुओं ने बड़े स्तर पर दान और सेवा कार्य किए।
- अन्नक्षेत्र में लाखों लोगों को भोजन कराया गया।
7. प्रकृति का अनूठा दृश्य
- संगम तट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बेहद आकर्षक था।
- श्रद्धालुओं ने गंगा आरती में भाग लिया और दीपदान किया।
- इस दिन का मुख्य उद्देश्य आस्था, धर्म, और मानवता का संदेश देना था। महाकुंभ मेले के हर दिन की तरह यह दिन भी एक अद्वितीय अनुभव से भरपूर रहा।
जी हां, महाकुंभ मेला 2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का आगमन हुआ। इसका उद्देश्य धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के साथ-साथ व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना और श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन करना था। दसवें दिन भी कुछ प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों के आने की खबरें थीं।……..महाकुंभ मेला
कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति:

धर्मेंद्र प्रधान (शिक्षा मंत्री):
- उन्होंने संगम में स्नान किया और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं से मुलाकात की।
- साथ ही उन्होंने आयोजन के प्रति संतोष व्यक्त किया और इसकी प्रशंसा की।
गिरीराज सिंह (ग्रामीण विकास मंत्री):
- गिरीराज सिंह ने संगम स्नान के बाद पंडालों में धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित सेवा कार्यों का भी निरीक्षण किया।
स्मृति ईरानी (महिला और बाल विकास मंत्री):
- उन्होंने मेला क्षेत्र में महिला सुरक्षा और सुविधाओं का जायजा लिया।
- संगम तट पर महिलाओं के लिए बनाए गए विशेष इंतजामों की सराहना की।
मुख्यमंत्री और राज्य मंत्री:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान मेला क्षेत्र में उपस्थित रहे।
- उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ संगम स्नान किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
उनके आगमन का उद्देश्य:
- आस्था और संस्कृति: धार्मिक परंपराओं में भाग लेकर जनता के साथ जुड़ने का प्रयास।
- सुविधाओं का निरीक्षण: सुरक्षा, स्वच्छता, और अन्य व्यवस्थाओं की स्थिति को समझना।
- श्रद्धालुओं से संवाद: आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जनता से फीडबैक लेना।
कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति

धर्मेंद्र प्रधान (शिक्षा मंत्री):
- उन्होंने संगम में स्नान किया और मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं से मुलाकात की।
- साथ ही उन्होंने आयोजन के प्रति संतोष व्यक्त किया और इसकी प्रशंसा की।
गिरीराज सिंह (ग्रामीण विकास मंत्री):
- गिरीराज सिंह ने संगम स्नान के बाद पंडालों में धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित सेवा कार्यों का भी निरीक्षण किया।
स्मृति ईरानी (महिला और बाल विकास मंत्री):
- उन्होंने मेला क्षेत्र में महिला सुरक्षा और सुविधाओं का जायजा लिया।
- संगम तट पर महिलाओं के लिए बनाए गए विशेष इंतजामों की सराहना की।
मुख्यमंत्री और राज्य मंत्री:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान मेला क्षेत्र में उपस्थित रहे।
- उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ संगम स्नान किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
उनके आगमन का उद्देश्य:
- आस्था और संस्कृति: धार्मिक परंपराओं में भाग लेकर जनता के साथ जुड़ने का प्रयास।
- सुविधाओं का निरीक्षण: सुरक्षा, स्वच्छता, और अन्य व्यवस्थाओं की स्थिति को समझना।
- श्रद्धालुओं से संवाद: आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जनता से फीडबैक लेना।
महाकुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन में मंत्रियों की भागीदारी इसे और खास बना देती है। इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है, बल्कि लोगों को यह विश्वास भी होता है कि सरकार उनकी आस्था और परंपराओं के प्रति प्रतिबद्ध है।………महाकुंभ मेला
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