IIT Baba Abhay Singh- क्या एक IITian करोड़ों की नौकरी छोड़कर सन्यासी बन सकता है?
क्या प्यार से मिले दर्द ने उन्हें वैराग्य की राह पर जाने के लिए मजबूर किया?
क्या मानसिक शांति की खोज ही उनकी असली मंज़िल थी?

IIT बॉम्बे से पढ़े अभय सिंह ग्रेवाल, जिन्हें अब IIT Baba के नाम से जाना जाता है, आजकल महाकुंभ 2025 में अपने सन्यासी जीवन को लेकर चर्चा में हैं। वे कभी एक होनहार एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जिन्होंने IIT Bombay से पढ़ाई की और कनाडा में लाखों के पैकेज पर नौकरी की। लेकिन एक दिन उन्होंने सारी दुनिया छोड़कर सन्यासी बनने का फैसला किया।
आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक बुद्धिमान, सफल और प्यार में रहे व्यक्ति ने संन्यास की राह पकड़ ली? आइए, उनकी पूरी कहानी जानते हैं।
👤 कौन हैं IIT Baba Abhay Singh?
अभय सिंह ग्रेवाल मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं। बचपन से ही वे पढ़ाई में बेहद तेज थे।
✅ D.H. Lawrence स्कूल के टॉपर रहे।
✅ IIT Bombay में 731वीं रैंक के साथ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की।
✅ कनाडा में लाखों के पैकेज पर नौकरी की।
✅ कोविड के बाद भारत लौटे और सन्यासी बनने का फैसला किया।
आज वे महाकुंभ 2025 में एक साधु के रूप में ध्यान और साधना कर रहे हैं और हर कोई जानना चाहता है कि आखिर उन्होंने ये फैसला क्यों लिया?
💔 चार साल का रिलेशनशिप, लेकिन शादी क्यों नहीं की?
IIT Baba ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि वे चार साल तक रिलेशनशिप में रहे। उनकी गर्लफ्रेंड से रिश्ता बहुत गहरा था, लेकिन शादी तक नहीं पहुंच पाया।
🙍♂️ IIT Baba का बयान:
“मुझे हमेशा लगता था कि ये रिश्ता कैसे निभाया जाता है? शादी हो जाएगी, और फिर अगर स्क्रिप्ट समझ नहीं आई तो?”
वे खुद को शादी और रिश्ते निभाने के लिए तैयार नहीं पाते थे। उन्हें लगता था कि वे सही जीवनसाथी नहीं बन सकते और इसीलिए उन्होंने शादी करने का विचार ही छोड़ दिया।
🎥 एक फिल्म जिसने बदली जिंदगी
IIT बाबा ने बताया कि वे एक फिल्म बना रहे थे, जिसमें उनकी पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। लेकिन इसी प्रक्रिया में वे गहरे ट्रॉमा में चले गए।
😭 “मुझे कुछ महसूस ही नहीं होता था…”
जब उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को यह बताया, तो उसने उन्हें समझा। लेकिन इस ट्रॉमा ने उनके रिश्ते पर गहरा असर डाला और अंत में वे दोनों अलग हो गए।
💔 अब उनकी प्रेमिका की शादी हो चुकी है, और IIT Baba खुद वैराग्य की राह पर चल चुके हैं।
🕉️ आखिर सन्यासी बनने का फैसला क्यों लिया?
- प्यार में मिली असफलता – रिलेशनशिप के टूटने ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया।
- ट्रॉमा और मानसिक द्वंद्व – वे खुद को इस दुनिया से जुड़ा हुआ महसूस नहीं कर पा रहे थे।
- कोविड और आत्म-मंथन – उन्होंने इस दौरान खुद को पहचाना और महसूस किया कि वे भौतिक चीज़ों से ऊपर उठ चुके हैं।
- आध्यात्मिक शांति की तलाश – वे अब ध्यान और साधना के माध्यम से आत्म-शांति प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
- परिवार से दूरी – पिछले 6 महीनों से उन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों के नंबर ब्लॉक कर दिए हैं।
🧐 क्या IIT Baba का फैसला सही था?
कुछ लोग मानते हैं कि उन्होंने जीवन की सच्चाई को समझ लिया है और वे सही राह पर हैं।
वहीं कुछ लोगों को लगता है कि वे अपनी परेशानियों से भाग रहे हैं और सन्यासी बनना उनका बचाव तंत्र मात्र है।
आपका क्या विचार है?
👉 क्या प्यार में मिली ठोकर किसी को संन्यास की ओर मोड़ सकती है?
👉 क्या आध्यात्मिक शांति के लिए दुनियावी सुखों को त्याग देना सही है?
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